जनसंख्या संबंधी दो नवीन तथ्य: अमित भूषण
कितनी अचरज और विरोधाभास की बात है कि भारतीय समाज में पुत्र प्राप्ति की अधिक मोह का एक परिणाम जनसंख्या वृद्धि तो दूसरा परिणाम लिंगानुपात में वृद्धि लाता है।
अर्थात, प्रथम संतान बिटिया पैदा होने के बाद माता-पिता तब तक सन्तानोत्पत्ति में लगे रहते है जब तक कि एक बेटा ना हो जाये(स्टॉपिंग रूल)। इसको ऐसे समझे, मान ले कि किसी दंपति की प्रथम संतान बिटिया पैदा होती है तो वे वही पर नही रुक जाते है, वे तब तक संतति में लगे रहते है जब तक कि एक बेटा ना हो जाये। अब फिर से मान ले कि उपर्युक्त दम्पति का चौथा संतान बेटा होता है। बेटा होने पर दम्पति संतति को रोक देते है।इस क्रम में उनके घर तीन बिटिया, और एक बेटा हो जाता है।
इसके दो निष्कर्ष हुए.....
1. जनसंख्या वृद्धि हुई(हम दो हमारे दो से भी आगे, हम दो हमारे चार)।
2. तीन बिटिया और एक बेटा, अर्थात लिंगानुपात में सुधार हुआ।
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